प्रेमानंद जी महाराज जी की दिनचर्या
आज हम बात करने वाले हैं उत्तर प्रदेश के वृन्दावन वाले प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या के बारे में जो की माथे पर पीला तिलक लगाते हैं और पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं वे राधा रानी के सबसे बड़े भक्त हैं दिनभर राधा रानी की भक्ति करते हैं। बाबा जी के सत्संग में जो भी जाता है उनके प्रवचन सुनता है तो उनपर महाराज जी बड़ी कृपा होती है। प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार उनकी दिनचर्या प्रातः 1:30 बजे से शुरू हो जाती है। 2:30 बजे लगभग वन विहार के लिए निकलते हैं और फिर 4:15 बजे से सत्संग शुरू हो जाता है उनका ये कार्यक्रम सुबह लगभग 9:15 बजे तक चलता है।
प्रेमानंद जी महाराज जी का भोजन
प्रेमानंद बाबा जी ने बताया है कि प्रवचन समाप्त होने के बाद वे भोजन ग्रहण करते है। बीमारी के कारण मुश्किल से एक या डेढ़ रोटी ही खा पाते हैं। इसके तुरंत बाद वे डायलिसिस के लिए चले जाते हैं। डयलिसिस होने में उन्हें चार से साढ़े चार घंटे का समय लगता है डायलिसिस के बाद उन्हें काफी कमजोरी महसूस होती है रात को 8 बजे तक वे लगभग इसी अवस्था में रहते हैं।रात 8 बजे के बाद वे सोते हैं तथा फिर रात को 1:30 बजे उठ कर वही दिनचर्या शुरू होती है।
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प्रेमानंद जी महाराज का भोजन
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि डायलिसिस का शारीरिक क्षमता पर बहुत असर पड़ता है इसलिए एक से डेढ़ रोटी और थोड़ी सी सब्जी ही खा पातें हैं।
और कई बार तो भूखे ही रहते हैं।
कम पानी पीते है
प्रेमानंद जी महाराज जी के अनुसार आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि मैं दूध तो छोड़िए पानी भी बहुत कम मात्रा में पीता हूँ।
कितना सोते हैं प्रेमानंद जी महाराज
प्रेमानंद जी महाराज ने अपनी नींद के बारे में भी बताया है महाराज जी कहते हैं कि हम 3 घंटे लेटते हैं और उस समय नींद आ जाए तो आ जाए नहीं तो कोई बात नहीं | महाराज जी कहते हैं हमारे अंदर तो राधा रानी के नाम की बैटरी फिट है, तभी तो शरीर में पीड़ा होने के बावजूद और रोजाना उल्टी का मन होना, उसके बाद भी हमें देखिए कि राधा रानी की कृपा से सब ठीक चल रहा है |
प्रेमानंद जी महाराज जी की दोनों किडनियां हैं ख़राब
प्रेमानंद जी महाराज ने अपने सत्संग में बताया, कि आप लोग यकीन नहीं मानोगे कि मेरी दोनों किडनी खराब है कम से कम 19 वर्षों से, महाराज जी का कहना है डायलिसिस के कारण हम दूध पीने की तो बहुत दूर की बात है पानी भी बहुत कम मात्रा में पी पाता हूं |
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