हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं। हार्ट अटैक या दिल का दौरा शब्द, जिसे सामान्यतः गलती से लोगों द्वारा कार्डियक अरेस्ट का वर्णन करने के लिए कर दिया जाता है, कार्डियक अरेस्ट से अलग है। हालांकि हार्ट अटैक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है, लेकिन हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों एक जैसी स्तिथियां नहीं हैं।

हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है। दिल का दौरा एक “सरकुलेशन” समस्या है व कार्डियक अरेस्ट एक “इलेक्ट्रिकल” समस्या है। इस लेख में हम हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के अंतर को जानेंगे तथा साथ ही हम ये भी जानेंगे की कैसे इनके जोखिमों को कम किया जा सकता है।
हार्ट अटैक क्या है?
हार्ट अटैक की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हृदय के एक हिस्से में ब्लड सप्लाई करने वाली कोई कोशिका या कोरोनरी धमनी बंद हो जाती है, जिससे हृदय के उस क्षेत्र तक ब्लड नहीं पहुंच पाता। हृदय की रक्त आपूर्ति अवरुद्ध हो जाती है। यदि सही समय पर इलाज कर अवरुद्ध धमनियों को न खोला जाए तो हृदय का वह हिस्सा जो सामान्य रूप से उस धमनी से पोषित होता है, मरना शुरू हो जाता है। हार्ट अटैक रक्त परिसंचरण संबंधी समस्या है।
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
कार्डियक अरेस्ट अचानक और बिना किसी चेतावनी के होता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किसी व्यक्ति का हृदय, शरीर में विशेष रूप से हृदय, मस्तिष्क, फेफड़ों और अन्य अंगों में रक्त को प्रभावी ढंग से पंप करना बंद कर देता है। जब ऐसा होता है, तो व्यक्ति चेतना खो देता है, सामान्य रूप से सांस लेना बंद कर देता है और 10 सेकंड की अवधि में दो से कम सामान्य सांस ले पाता है। ऐसे व्यक्ति को तुरंत प्रभावी रूप से सीपीआर प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या संबंध है?
हार्ट अटैक और कार्डियक अटैक यह दोनों अलग-अलग हृदय स्थितियां आपस में जुड़ी हुई हैं। हार्ट अटैक पड़ने के बाद या ठीक होने के दौरान अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। हार्ट अटैक से कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट अटैक कार्डियक अरेस्ट को शुरू करने का एक कारण हो सकता है यदि हार्ट अटैक से बचाव नहीं किया जाता तो यह कार्डियक अरेस्ट का कारण बन जाता है इसके अलावा हार्ट अटैक के दौरान हृदय की कोशिकाएं घटक छोटों का शिकार हो सकती है और इससे भी कार्डियक अरेस्ट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
इसलिए हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों ही गंभीर स्तिथियां हैं और इनका सीधा संबंध हो सकता है। ऐसे व्यक्ति को जल्द ही मेडिकल सहायता मिलनी चाहिए।
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हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के खतरे को कम करने के तरीके
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अधिक शराब का उपयोग, तंबाकू का सेवन, उच्च रक्तचाप, उच्च बॉडी मास इंडेक्स, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्त ग्लूकोज, कम फल और सब्जियों का सेवन और शारीरिक निष्क्रीयताएं यह सभी हृदय संबंधी मौतों के लिए 61% जिम्मेदार हैं। जो इसे दुनिया भर में मौतों का प्रमुख कारण बनता है। तनाव भी इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के सभी जोखिम कारक हमारे नियंत्रण में नहीं है जैसे की उम्र बढ़ना, अनुवांशिकता आदि। परंतु कुछ ऐसे कारक जरूर है जिन्हें आप नियंत्रित करके हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर सकते हैं:
- यदि आपकी उम्र 40 से अधिक है तो आप अपने ब्लड प्रेशर की निगरानी की व्यवस्था करें।
- धूम्रपान बंद करें और सेकंड हैंड धुएं के संपर्क में आने से बचें।
- अपने आहार में परिवर्तन करके उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें वजन कम करें।
- रोजाना व्यायाम करें।
- अपने शराब का सेवन सीमित करें।
- विटामिन और खनिजों से भरपूर संतुलित और स्वस्थ आहार लें।
- मधुमेह रोगियों को अपने रक्त शर्करा का प्रबंध करना चाहिए और अपने उपचार योजनाओं पर कायम रहना चाहिए।
- गहरी सांस लेने जैसे तकनीक या योग को अपने जीवन में तनाव करने कम करने के लिए उपयोग करें।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट पर दी गयी यह सूचना केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे व्यक्तिगत चिकित्सा सलाह के रूप में ना लें। यदि आपको किसी स्वास्थ्य समस्या का संदेह है तो कृपया तत्पर चिकित्सक से संपर्क करें।
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