Bharat Rice: 6 फरवरी 2024 को खाद्यान के क्षेत्र से जुडी एक बड़ी खबर सामने आयी है। जिसने बढ़ती महंगाई के इस दौर में विभिन्न वर्ग के अनेको लोगो की खाद्य चिंता को कुछ हद तक कम करने का प्रयास किया है।
भारत के खाद्य मंत्री पियूष गोयल ने मंगलवार को “Bharat Rice” प्रस्तुत किये हैं। जिनकी कीमत सभी को चौकाने जैसी है। भारत सरकार चावल पर सब्सिडी देने जा रही है।
The ‘Bharat’ brand signifies Quality & Affordability!
Introducing Bharat Rice at just Rs 29/KG, available in convenient 5 kg & 10 kg packages. Purchase at Kendriya Bhandar retail outlets, online on ONDC, and through Cooperatives like NAFED and NCCF.#BharatBrand#NewIndia… pic.twitter.com/ZecFTSfyCo
— MyGovIndia (@mygovindia) February 7, 2024
Bharat Rice: Subsidised rice से उपभोग्ताओ को मिली राहत:
Subsidised rice की इस स्कीम में भारत सरकार 29 रूपए प्रति किलोग्राम की दर से Bharat Rice चावल मुहैया कराएगी। यह चावल पांच किलो तथा दस किलो के पैकेट में उपलब्ध होंगे। जोकि कोआपरेटिव, इ- कॉमर्स और रिटेल चैन के माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे।
गत वर्ष में लगभग 15 प्रतिशत चावल की कीमतों में वृद्धि हुई। जोकि एक आम नागरिक के लिए खाद्य संबधी परेशानी के रूप में देखा जा सकता है। लाज़मी है भारत सरकार की यह पहल उपभोक्ता वर्ग को काफी राहत प्रदान करेगी।
Bharat Rice: कैसे होगा संचालन?
पहले फेज में फ़ूड कोर्पोरशन ऑफ़ इंडिया FCI 5 लाख टन चावल उपलब्ध कराएगी। इस फेज में FCI ने निर्धारित किया है की चावल दो प्रमुख कोआपरेटिव The National Agricultural Cooperative Marketing Federations of India ltd. (NAFED) और National Cooperative consumers Federation of India (NCCF) एवं रिटेल चेन केंद्रीय भण्डार को उपलब्ध कराया जायेगा।
इसके बाद ये कोऑपरेटिवस और रिटेल चेन 5 किलो और 10 किलो के पैकेट तैयार करेगी जोकि भारत ब्रांड के होंगे। इसके पश्चात रिटेल आउटलेट तक पहुंचाएगी।
इस सेल प्राइस पर यदि चावल की बढ़ती डिमांड नज़र आती है तब सरकार open market sale scheme के तहत रिस्टोर करेगी।
आटे और चने पर मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
माना जा रहा है की भारत सरकार को चावल के क्षेत्र में भी हाई डिमांड की प्रतिकिया मिलेगी। जैसा कि भारत सरकार की भारत आटा तथा भारत चना की स्कीम को मिला है। जिसमे भारत आटा 27.50 रूपए प्रति किलोग्राम तथा भारत चना 60 रूपए प्रति किलोग्राम मिल रहा है।
बढ़ती महंगाई के इस दौर में उपभोग्ताओ के लिए नित्य जरूरतों को पूरा कर पाना मुश्किल होता जा रहा है। विशेषकर गरीब और माधयम वर्ग के लिए। देखा गया है की आधुनिकता और प्रौद्योगिकी के विकास का हर्ज़ाना कहीं न कहीं एक विशेष समुदाय को भरना पड़ता रहा है।
इसी सन्दर्भ में यदि गहन अध्ययन करें तो पता चलता है की प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी और मांगो में भी इज़ाफ़ा हुआ है। ऐसे में प्रति व्यक्ति आय का कम होना और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्या का होना भी उपभोक्ताओं के लिए रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में अक्षमता ला रहा है।
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अनेको भारतीय के लिए दो वक़्त का पेट भरना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। और ऐसे में न केवल सामाजिक पिछड़ापन बल्कि मानसिक क्षति भी भारतीय समाज में होती दिखाई देती है।
उम्मीद है की भारत सरकार की भारत राइस, भारत आटा और भारत चना जैसे स्कीम कम से कम उपभोक्ता वर्ग को रियायत प्रदान करेगी। और इस क्षेत्र में भारत सरकार को अच्छी प्रतिक्रिया भी मिलेगी।