Bharat Mayanmar FMR: भारत म्यांमार के बीच मुक्त आवागमन व्यवस्था को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की सिफारिश की गई है। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर इसकी जानकारी गुरुवार 8 फरवरी 2024 को साझा की।
It is Prime Minister Shri @narendramodi Ji’s resolve to secure our borders.
The Ministry of Home Affairs (MHA) has decided that the Free Movement Regime (FMR) between India and Myanmar be scrapped to ensure the internal security of the country and to maintain the demographic…
— Amit Shah (@AmitShah) February 8, 2024
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और म्यांमार की सीमा से लगे भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों की जनसांख्यकीय संरचना को बनाए रखने के लिए भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था एफएमआर को खत्म कर दिया जाए। चूंकि विदेश मंत्रालय फिलहाल इसे खत्म करने की प्रक्रिया में है, इसलिए गृह मंत्रालय ने एफएमआर को तत्काल निलंबित करने की सिफारिश की है।
Bharat Mayanmar FMR मणिपुर के सीएम द्वारा की गयी थी सिफारिश
2023 में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने गृह मंत्रालय से सिफारिश की थी कि अवैध रूप से घुसपैठ को रोकने के लिए एफएमआर व्यवस्था को समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा था कि राज्य म्यांमार की सीमाओं पर बाढ़ लगाने का काम तेजी के साथ कर रहा है। मणिपुर म्यांमार के बीच लगभग 390 किलोमीटर लंबी सीमारेखा है।
https://en.wikipedia.org/wiki/Amit_Shah
Bharat Mayanmar FMR (Free Movement Regime) क्या है?
भारत म्यांमार एफएमआर की स्थापना वर्ष 2018 में भारत की एक्ट ईस्ट नीति के हिस्से के रूप में की गई थी जिसके अंतर्गत बिना वीजा के 16 किलोमीटर तक सीमा पर आवागमन का प्रावधान है। सीमा पर रहने वाले व्यक्तियों को पड़ोसी देशों में दो सप्ताह तक रहने के लिए एक साल के सीमा पास की जरूरत होती है।
Bharat Mayanmar FMR का उद्देश्य
मुक्त आगमन व्यवस्था का उद्देश्य स्थानीय सीमा व्यापार को सुविधाजनक बनाना सीमावर्ती लोगों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार करना और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करना शामिल है।
क्यों करना चाहती है सरकार Bharat Mayanmar FMR खत्म
Bharat Mayanmar FMR की स्थापना सकारात्मक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की गई थी परंतु इसकी आड़ में घुसपैठ तथा आतंकवादी भारतीय सीमा में दाखिल हो रहे थे, साथ ही म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद हजारों की संख्या में शरणार्थी म्यांमार से भाग कर भारत पहुंचे। हथियारों की सप्लाई, ड्रग्स की तस्करी भी म्यांमार सीमा से लगातार हो रही है, यही वजह है कि सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया है।
https://newspecharcha.com/bharat-rice-bharat-aata-bharat-chana/
भारत के किन राज्यों से और कितने किलोमीटर लगी है म्यांमार की सीमा?
भारत के चार राज्यों से म्यांमार की सीमा लगती है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड शामिल हैं। इन चार राज्यों के साथ म्यांमार 1643 किलोमीटर की लंबी सीमा रेखा साझा करता है। म्यांमार के साथ अरुणाचल प्रदेश 520 कीलोमीटर, मिजोरम 510 कीलोमीटर, मणिपुर 398 कीलोमीटर तथा नागालैंड 215 किलोमीटर लम्बी सीमारेखा है।