क्रोनिक स्ट्रेस एक लंबे समय तक बने रहने वाली तनाव की स्थिति होती है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है जिसका प्रभाव व्यक्ति के दिनचर्या, उत्साह और कार्य क्षमता पर देखा जा सकता है।
इससे प्रभावित व्यक्ति हर वक्त ऊर्जा की कमी महसूस करता है, किसी भी काम में उसका मन नही लगता तथा व्यक्ति की कार्य करने की क्षमता धीरे धीरे कम होने लगती है।
क्रोनिक स्ट्रेस के लक्षण
स्ट्रेस आधुनिक जीवन में एक सामान्य समस्या बनती जा रही है जो अधिकतर लोगों को प्रभावित करती है। यह स्थिति एक व्यक्ति को लंबे समय तक तनाव में रखती है और जिसका असर व्यक्ति के सामाजिक, व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन पर देखा जा सकता है। तो चलिए क्रोनिक स्ट्रेस के लक्षण और पहचान के बारे में बात करते है।
शारीरिक लक्षण:
क्रोनिक स्ट्रेस के लक्षणों में से कुछ मुख्य लक्षण हैं, पर्याप्त नींद ना आना, अधिक थकान और उबासी, बढ़ता वजन, भूख न लगना या बार-बार खाना खाने की इच्छा होना इसमें शामिल है। जिसकी वजह से होने वाली समस्याओं में सर दर्द माइग्रेन या पेट दर्द सामान्य है।
मानसिक लक्षण:
यदि हम क्रोनिक स्ट्रेस के मानसिक लक्षणों की बात करें तो इससे पीड़ित व्यक्ति में उदासी, चिंता और निराशा की प्रबल भावना होती है। अधिक मानसिक थकान आत्म समर्पण की कमी और अच्छी तरह से कार्य में ध्यान केंद्रित नहीं रहना भी इसमें शामिल है यह आत्मघाती विचारों अकेलापन और सामाजिक संपर्क से दूर रहने का एहसास करा सकता है।
सोशल और प्रोफेशनल जीवन पर दिखाई देने वाले लक्षण:
यह सामाजिक संबंधों में कमी, दोस्तों से दूरी और काम में ध्यान केंद्रित न कर पाने की असमर्थता का एहसास करा सकता है। काम का दबाव महसूस करना, नकारात्मक स्वभाव और स्वास्थ्य को सही बनाए रखने में कठिनाई महसूस करना भी इसमें शामिल है।
आदतें और व्यवहार संबंधी लक्षण:
तनाव के व्यावहारिक लक्षणों को पहचानना हालांकि थोड़ा मुश्किल हो सकता है परंतु फिर भी अच्छी आदतों और व्यवहार में कमी, अधिक शराब या कैफीन का सेवन और संवेदनशीलता की कमी क्रॉनिक स्ट्रेस के लक्षण हो सकते हैं।
साथ ही इससे पीड़ित व्यक्ति नकारात्मक गतिविधियों में संलिप्त रहने लगता है जैसे कि अधिक धूम्रपान करना, व्यक्तिगत देखभाल की उपेक्षा करना जुआ खेलना आदि।
क्रॉनिक स्ट्रेस लंबे समय तक व्यक्ति में तनाव और चिंता का सामना करने के कारण हो सकता है। लगातार तनाव से शरीर में असंतुलन की स्थिति पैदा हो सकती है जो स्वयं ठीक नहीं होती।
https://en.wikipedia.org/wiki/Chronic_stress
क्रोनिक स्ट्रेस के संभावित कारण
इसके होने का कारण हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ा हुआ हो सकता है। कुछ सामान्य कारक निम्नलिखित हैं:
कार्य संबंधित प्रतिस्पर्धा और दबाव
बढ़ती हुई नौकरी की प्रतिस्पर्धा या कार्य करने की प्रतिस्पर्धा, बड़ा कार्यभार और अनियमित काम के अधिकतम दबाव का सामना करना क्रॉनिक स्ट्रेस मुख्य कारण हो सकता है।
व्यक्तिगत जीवन की समस्याएं
हमारे जीवन की कई व्यक्तिगत समस्याएं जैसे की संबंधों की समस्याएं आत्मीयता या व्यक्तिगत असफलता भी क्रॉनिक स्ट्रेस का मूल कारण हो सकता है।
आर्थिक तनाव
आर्थिक समस्याएं जैसे कर्ज या वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना भी इसका एक कारण हो सकता है।
स्वास्थ्य समस्याएं
अस्वस्थ रहना या नियमित दिनचर्या का अभाव होना तथा अस्थमा डायबिटीज या अन्य बीमारियां होना भी इसका एक कारण बन सकती हैं।
पारिवारिक और सामाजिक समस्याएं
पारिवारिक संबंधों में समस्याएं परिवार में विवाद या सामाजिक समृद्धि की कमी क्रॉनिक स्ट्रेस को बढ़ा सकती है।
आत्मघाती विचार और दुखी भावनाएं
आत्मघाती विचार और नकारात्मक भावनाएं भी इसके मूल में हो सकती हैं।
समय की कमी और व्यस्त जीवनशैली
बढ़ती हुई व्यस्त जीवन शैली समय की कमी और अधिकतम दबाव के कारण व्यक्ति को अधिक स्ट्रेस का सामना करना पड़ सकता है।
कई बार यह कारण सामान्यता एक से अधिक कारकों का समावेश हो सकता है। ये कारक एक दूसरे को प्रभावित कर सकते हैं जिससे एक व्यक्ति को अधिक क्रॉनिक एक्सेस का सामना करना पड़ता है।
क्रोनिक स्ट्रेस के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव
लंबे समय तक इससे पीड़ित रहने के कारण यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर डालने लगता है। जो कई बीमारियों के खतरे को काफी हद तक बढ़ा देता है। जिसमें शामिल है दिल की बीमारी, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, शुगर, मोटापा, अल्सर, गट हेल्थ का ठीक ना रहना आदि। यह सर दर्द, यौन रोग और बालों के झड़ने जैसे समस्याएं भी पैदा कर सकता है। इसका आपकी मानसिक स्वास्थ्य पर भी विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है और कई मानसिक समस्याओं का कारण भी बन सकता है जैसे एंग्जायटी और डिप्रेशन।
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क्रोनिक स्ट्रेस का उपचार
क्रोनिक स्ट्रेस का उपचार एक सजग और समृद्ध दृष्टिकोण से किया जाना चाहिए जो शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को समृद्धिपूर्ण जीवन की ओर ले जा सकता है। यहां कुछ सामान्य उपचार तकनीकी दी गई हैं:
योग और ध्यान
योग ध्यान से तांत्रिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
नियमित व्यायाम
प्रतिदिन व्यायाम करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और यह साथ ही साथ यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में मदद करता है। व्यायाम स्ट्रेस हार्मोन को कम करने में मदद कर सकता है।
स्वस्थ आहार
स्वस्थ आहार का सेवन करना अपने शरीर को उपयुक्त पोषण प्रदान करना है उपयुक्त पोषण से हमारे शरीर को स्ट्रेस को कम करने में मदद मिल सकती है।
पर्याप्त नींद
उचित मात्रा में नींद लेना और सुबह उठने और सोने का समय नियमित बनाए रखना स्टेटस को कम करने में मदद कर सकता है।
समय का प्रबंध
समय का उचित प्रबंधन जैसे कार्यों को संगठित रूप से करना,कार्यों के लिए समय व स्थान तय करना, अपने कार्यो की प्राथमिकताएं तय करना और उसी के अनुरूप अपने कार्यों को करना हमारे स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है।
आत्म परिचय तकनीक
आत्म परिचय तकनीक जैसे कि माइंडफुलनेस और प्राणायाम से तांत्रिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है। जो क्रोनिक स्ट्रेस को नियंत्रित कर सकता है ।आत्म परिचय तकनीक में आत्म प्रशंसा से बचें। सत्य बोले, सच्ची जानकारी दें और उपयोगी बातें करें। अपने व्यक्तिगत सफलताओं को साझा करें, लोग आपकी प्रभावशाली योग्यता को जानने में रूचि रखेंगे और आपसे प्रेरणा लेंगे।
काउंसलिंग और चिकित्सा
किसी चिकित्सक या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर की सलाह लेना या चिकित्सक की सहायता से आप क्रोनिक स्ट्रेस से निजात पा सकते हैं।
सकारात्मक बदलाव
अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना, सकारात्मक सोच को अपनाना और स्थितियों को नए दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करना भी इस स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है।
इन उपायों का अनुसरण करके और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर क्रोनिक स्ट्रेस को संभालने में मदद मिल सकती है। हालांकि अगर स्ट्रेस बहुत अधिक है और स्वयं को नियंत्रित नहीं किया जा सकता तो चिकित्सक से मदद जरूर लें।